निकाली गई शोभा यात्रा, मनाई गई जन्म जयंती
गया। विष्णुपद मंदिर की निर्मात्री, राजमाता महारानी अहिल्याबाई होल्कर की 298वीं जन्म- जयंती बुधवार को धूमधाम से हर्षोल्लास पूर्वक मनाई गई। महारानी अहिल्याबाई होलकर विचार मंच की ओर से संवास सदन समिति कार्यालय स्थित उनकी आदम कद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की गई। इसके बाद गाजे-बाजे के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गई। बग्गी पर अहिल्याबाई की भव्य तस्वीर के साथ निकली शोभायात्रा में स्कूली बच्चे, पंडा समाज और शहर के वरिष्ठ नागरिक शामिल हुए। शोभायात्रा में महारानी अहिल्याबाई के जय- जय कार से सड़क गूंज रहा था। विभिन्न मार्गो से होते हुए शोभा यात्रा मंगला गौरी रोड स्थित सिजुआर भवन पहुंचकर सभा में विसर्जित हो गई।
जहां जयंती समारोह का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि जिला पदाधिकारी डॉ त्यागराजन एस एम एवं नगर आयुक्त अभिलाषा शर्मा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर एवं अहिल्याबाई जी की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर जयंती समारोह का उद्घाटन किया।
डीएम डॉ त्यागराजन ने कहा कि अहिल्याबाई होलकर आदर्श की प्रतिमूर्ति थी, जिन्होंने विष्णुपद मंदिर का जीर्णोद्धार कर गया वासियों को उपहार के रूप में अमूल्य योगदान दिया है। उनके दिए गए विरासत को संरक्षित करने की जरूरत है। उन्होंने भारत में कई मंदिरों का निर्माण कर एक मिसाल पेश की है। उनके त्याग और राष्ट्रभक्ति से हम सबों को सीखने की जरूरत है। उनका जीवन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है।
नगर आयुक्त अभिलाषा शर्मा ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नारी शक्ति कितनी महान होती है।वह अपने जीवन में क्या कर सकती है।इसका उदाहरण अहिल्याबाई होल्कर की जीवनी पढ़ने के बाद मिलता है। जीवन में परेशानियां कितनी भी हो उनसे कैसे निपटना है यह हमें अहिल्याबाई के जीवन से सीखना चाहिए।
वही भाषण प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र एवं अहिल्याबाई की तस्वीर भेंट कर सम्मानित किया गया।
जिसकी अध्यक्षता मंच के अध्यक्ष सह वयोवृद्ध समाजसेवी शिव बचन सिंह ने की। मंच के सचिव काशीनाथ प्रसाद ने अहिल्याबाई की शौर्य एवं वीर गाथा को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प दिलाया। समारोह में डॉ राम सिंहासन सिंह, डॉ सच्चिदानंद प्रेमी, उषा डालमिया, डॉ सोनू अन्नपूर्णा,डॉ कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी, मणिलाल बारिक,सीमा सिन्हा, अंजली मिश्रा,राजीव रंजन, रामकुमार बारीक,ऋषिकेश गुर्दा, टिब्लू सिंह सहित शहर की बुद्धिजीवी वर्ग एवं अन्य सदस्य उपस्थित थे।
